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ओपल ( वृश्चिक राशि )

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विशेष राशि- वृश्चिक राशि (Vrishchika)

ओपल रत्न शुक्र ग्रह से जुड़ा है और जीवन में प्रेम, रचनात्मकता व विलासिता का संचार करता है। यह सौंदर्य और कलात्मकता को बढ़ाता है।

प्रमुख विशेषताएं:

  • वैवाहिक जीवन में मधुरता लाता है

  • रचनात्मक सोच को प्रेरित करता है

  • त्वचा और हार्मोन से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी

उपयोग कैसे करें:
ओपल को चांदी की अंगूठी में शुक्रवार के दिन, मध्यमा उंगली में पहनें।

ओपल रत्न (Opal) विशेष राशि- वृश्चिक राशि (Vrishchika)

का महत्व, लाभ, विशेषताएं और पहनने की विधि

ओपल एक अत्यंत सुंदर, आकर्षक और दिव्य रत्न है, जिसे संस्कृत में “उपल” कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है – कीमती पत्थर। यह रत्न अपने अद्भुत रंगों और चमक के कारण न केवल सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ओपल शुक्र ग्रह से संबंधित है और इसका सीधा प्रभाव जीवन में भौतिक सुख, प्रेम, वैवाहिक संतुलन, और कलात्मक प्रतिभा पर पड़ता है।


ओपल रत्न की पहचान और स्वरूप

ओपल एक बहुरंगी रत्न होता है, जिसमें इंद्रधनुषी रंगों की झलक मिलती है। यह रत्न अधिकतर दूधिया, हल्के सफेद या क्रीम रंग में पाया जाता है, परंतु इसके अंदर नीला, हरा, गुलाबी, नारंगी, पीला और लाल जैसे चमकते रंग दिखाई देते हैं। इन रंगों की विविधता और चमक इसे अन्य रत्नों से अलग करती है। ओपल की यह प्राकृतिक चमक “प्ले ऑफ कलर” कहलाती है और यही इसे मूल्यवान बनाती है।

ओपल मुख्यतः ऑस्ट्रेलिया, इथियोपिया, मैक्सिको, ब्राजील और अमेरिका में पाया जाता है। ऑस्ट्रेलियाई ओपल को सबसे बेहतरीन और कीमती माना जाता है।


ओपल रत्न का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ओपल शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र ग्रह प्रेम, भौतिक सुख-सुविधाएं, विलासिता, सौंदर्य, कला, संगीत, वैवाहिक जीवन और यौन आकर्षण का कारक होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह निर्बल हो या प्रतिकूल स्थिति में हो, तो ओपल रत्न पहनने से शुक्र मजबूत होता है और उसके शुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं।

ओपल रत्न उन्हें विशेष रूप से पहनना चाहिए जिनकी कुंडली में शुक्र दोष हो, विवाह में बाधाएं आ रही हों, प्रेम संबंधों में खटास हो, या सौंदर्य, फैशन, कला और मनोरंजन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करनी हो।


ओपल रत्न के लाभ

ओपल रत्न कई प्रकार के मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक लाभ प्रदान करता है। इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

1. वैवाहिक जीवन में सुख और संतुलन लाना

ओपल रत्न प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाता है। यह पति-पत्नी के बीच समझ, सामंजस्य और आकर्षण को बढ़ाता है। यदि विवाह में बार-बार मतभेद हो रहे हों या तलाक जैसी स्थिति बन रही हो, तो ओपल बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है।

2. आकर्षण और सौंदर्य में वृद्धि

शुक्र ग्रह सौंदर्य और आकर्षण का कारक है। ओपल पहनने से व्यक्ति के व्यक्तित्व में आकर्षण बढ़ता है और दूसरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह चेहरे की चमक को भी बढ़ाता है।

3. कलात्मक प्रतिभा में उन्नति

ओपल रत्न कलाकारों, गायकों, लेखकों, फैशन डिजाइनर्स, मॉडल्स, और क्रिएटिव क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह उनकी कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है।

4. धन और वैभव में वृद्धि

ओपल पहनने से व्यक्ति की वित्तीय स्थिति बेहतर होती है। यह व्यापार में सफलता दिलाता है और आर्थिक समस्याओं से बाहर निकालने में मदद करता है।

5. मानसिक शांति और संतुलन

ओपल रत्न तनाव, चिंता, अवसाद, और भावनात्मक असंतुलन को दूर करता है। यह मन को शांत रखता है और जीवन में संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।

6. प्रजनन और हार्मोनल संतुलन

ओपल महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है क्योंकि यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है और प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देता है।


ओपल किसे पहनना चाहिए

  • जिनकी कुंडली में शुक्र कमजोर हो या अशुभ स्थिति में हो
  • जिनके वैवाहिक जीवन में तनाव हो
  • जिनके प्रेम संबंध बिगड़ रहे हों
  • कलाकार, डिजाइनर, मॉडल्स, लेखक, गायक, आदि
  • जिन्हें जीवन में भौतिक सुखों की प्राप्ति चाहिए
  • जिन्हें सौंदर्य और वैभव चाहिए

ओपल पहनने की विधि

ओपल रत्न को ज्योतिषीय नियमों के अनुसार पहनना चाहिए, तभी यह सकारात्मक फल देता है।

धारण करने का दिन:
ओपल को शुक्रवार के दिन सुबह 5 से 7 बजे के बीच शुभ मुहूर्त में धारण करना सबसे उत्तम माना जाता है।

धातु:
ओपल को चांदी या सफेद सोने (White Gold) में जड़वाना चाहिए।

उंगली:
मध्यमा (Middle) उंगली में धारण करें, जो शुक्र ग्रह की अंगुली होती है।

रत्न का वजन:
व्यक्ति के वजन के अनुसार ओपल का न्यूनतम वजन 6.25 रत्ती (1 कैरेट = 0.90 रत्ती लगभग) या अधिक होना चाहिए।

मंत्र:
ओपल पहनने से पहले “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।

धारण विधि:

  • रत्न को शुक्रवार की सुबह गंगाजल, दूध, शहद और घी से शुद्ध करें।
  • उसके बाद उसे धूप-दीप दिखाएं और मंत्र जाप करें।
  • फिर दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें।

सावधानियां

  • ओपल को हमेशा शुभ मुहूर्त में और जानकार ज्योतिषी की सलाह से पहनें।
  • किसी और का पहना हुआ ओपल रत्न न पहनें।
  • ओपल को गिरने या टूटने से बचाएं, क्योंकि इसका प्रभाव खत्म हो सकता है।
  • इसे महीने में एक बार गंगाजल से शुद्ध कर पूजा स्थान पर रखें।

ओपल रत्न की देखभाल कैसे करें

  • ओपल एक कोमल रत्न है, इसलिए इसे झटकों और खरोंच से बचाएं।
  • अधिक गर्मी या रसायनों के संपर्क में आने से इसकी चमक प्रभावित हो सकती है।
  • इसे हमेशा साफ सूती कपड़े से पोछें और सुरक्षित स्थान पर रखें।
  • इसे धूप में अधिक समय तक न रखें।

निष्कर्ष

ओपल रत्न केवल अपनी सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी ज्योतिषीय शक्तियों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह प्रेम, सौंदर्य, कलात्मकता, भौतिक सुख और मानसिक संतुलन प्रदान करता है। शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त कर यह जीवन में सुख, समृद्धि और संतुलन लाता है। यदि आप वैवाहिक जीवन में संतुलन चाहते हैं, प्रेम संबंध सुधारना चाहते हैं या कला के क्षेत्र में सफलता पाना चाहते हैं, तो ओपल रत्न आपके लिए एक उत्तम विकल्प हो सकता है।

 

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