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नीलम रत्न ( मकर , कुंभ राशि )

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विशेष राशि – मकर राशि

नीलम शनि ग्रह का रत्न है और यह त्वरित प्रभाव देता है। यह कठिन परिश्रम, अनुशासन और अचानक लाभ दिलाने वाला रत्न है।

प्रमुख विशेषताएं:

  • व्यवसाय और करियर में तेजी से सफलता

  • शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा

  • निर्णय क्षमता को मजबूत करता है

उपयोग कैसे करें:
नीलम को लोहे या चांदी की अंगूठी में शनिवार के दिन, मध्यमा उंगली में धारण करें।

नीलम रत्न

विशेष राशि – मकर राशि

नीलम रत्न, जिसे अंग्रेज़ी में Blue Sapphire कहा जाता है, नवग्रहों में से एक शक्तिशाली ग्रह शनि (Saturn) से संबंधित रत्न है। यह रत्न अपने त्वरित प्रभावों, गहन ऊर्जाओं और रहस्यमय शक्तियों के कारण ज्योतिषशास्त्र में अत्यधिक महत्व रखता है। नीलम को सही ढंग से और उपयुक्त समय पर धारण करने से व्यक्ति के जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन देखे जा सकते हैं। यह रत्न न केवल आर्थिक उन्नति में सहायक होता है, बल्कि यह मानसिक शांति, आत्मविश्वास और स्थिरता भी प्रदान करता है।

नीलम रत्न की प्रकृति और पहचान

नीलम रत्न मुख्य रूप से गहरे नीले रंग में पाया जाता है, लेकिन इसके कई शेड्स जैसे हल्का नीला, बैंगनी नीला, और समुद्री नीला भी देखे जाते हैं। यह रत्न कठोरता के मामले में हीरे के बाद दूसरा सबसे कठोर रत्न माना जाता है, जिसकी मोस स्केल पर कठोरता 9 होती है। असली नीलम पूरी तरह से पारदर्शी, समरूप रंग का और बिना किसी दरार या धब्बे के होना चाहिए।

नीलम मुख्य रूप से श्रीलंका, कश्मीर, थाईलैंड और म्यांमार जैसे देशों में पाया जाता है। इनमें कश्मीरी नीलम को सबसे उच्च गुणवत्ता का माना जाता है।


नीलम रत्न से जुड़ा ज्योतिषीय महत्व

नीलम रत्न शनि ग्रह से जुड़ा है जो न्याय, कर्म, समय और अनुशासन का प्रतीक है। शनि ग्रह अगर किसी की कुंडली में अशुभ स्थिति में हो, तो यह व्यक्ति को अवसाद, असफलता, रोग और दीर्घकालिक समस्याओं से ग्रसित कर सकता है। लेकिन अगर यह शुभ स्थिति में हो, तो यह व्यक्ति को राजसत्ता, प्रतिष्ठा, दीर्घायु और अत्यधिक सफलता प्रदान करता है।

नीलम रत्न उन जातकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है जिनकी कुंडली में शनि की साढ़े साती, ढैय्या या महादशा चल रही हो। यह रत्न शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करके उसके सकारात्मक गुणों को बल प्रदान करता है।


नीलम रत्न के प्रमुख लाभ

1. त्वरित लाभ देने वाला रत्न

नीलम एकमात्र ऐसा रत्न है जिसका प्रभाव बहुत जल्दी देखने को मिलता है। कई बार यह रत्न 24 से 72 घंटे के भीतर अपना असर दिखाने लगता है, इसलिए इसे “इंस्टेंट रत्न” भी कहा जाता है।

2. धन-संपत्ति में वृद्धि

नीलम रत्न व्यापार और नौकरी में तेजी से उन्नति दिलाता है। यह अचानक धन लाभ, शेयर मार्केट में सफलता और नए अवसर प्रदान करता है।

3. मानसिक शांति और ध्यान की शक्ति

यह रत्न मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने में सहायक होता है। यह एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाता है।

4. शत्रुओं से रक्षा

नीलम शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है। यह बुरी नजर, तांत्रिक प्रभाव और काले जादू से भी सुरक्षा प्रदान करता है।

5. सेहत संबंधी लाभ

यह रत्न हड्डियों, घुटनों, नसों, गठिया, और नसों के दर्द में लाभकारी होता है। इसके अलावा यह पाचन क्रिया को भी सुधारता है।


नीलम रत्न पहनने के नियम

नीलम रत्न को धारण करने से पहले इसकी परीक्षा करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यदि यह व्यक्ति को सूट न करे, तो इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। रत्न धारण करने से पहले एक ट्रायल के रूप में इसे 3 दिन तक दाहिने हाथ में बांध कर रखा जाता है।

धारण करने का दिन: शनिवार
धारण करने का समय: सूर्योदय के बाद (सुबह 7 से 9 बजे के बीच)
धातु: चांदी, स्टील, या पंचधातु
उंगली: मध्यमा उंगली (मिडल फिंगर)
मंत्र: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” – इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

शुद्धिकरण विधि:
रत्न को धारण करने से पहले कच्चे दूध, गंगाजल, शहद और तुलसी पत्र के मिश्रण में 20 मिनट तक रखें, फिर साफ पानी से धोकर मंत्र जाप करते हुए धारण करें।


किन्हें नीलम रत्न नहीं पहनना चाहिए?

नीलम रत्न अत्यंत शक्तिशाली होता है, इसलिए इसे बिना ज्योतिषीय परामर्श के नहीं पहनना चाहिए। जिन जातकों की कुंडली में शनि ग्रह अशुभ स्थिति में हो या जिनकी राशि तुला, मकर, कुम्भ न हो, उन्हें इसे पहनने से बचना चाहिए।


नीलम रत्न की पहचान कैसे करें?

  • असली नीलम पारदर्शी और समान रंग का होता है।
  • उसमें बबल्स या दरारें नहीं होतीं।
  • जब इसे प्रकाश में रखा जाता है, तो यह चमकदार नीला दिखाई देता है।
  • असली नीलम को यदि दूध में रखा जाए, तो दूध का रंग नीला हो जाता है।

नीलम रत्न के साथ संयोजन

नीलम को आमतौर पर गोमेद, लाजवर्त, या हीरा जैसे रत्नों के साथ पहना जा सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि केवल योग्य ज्योतिषी द्वारा होनी चाहिए।


सावधानियां

  • नीलम को गिराना, टूटना या धूल-गंदगी में रखना अशुभ माना जाता है।
  • इसे नियमित रूप से गंगाजल या साफ जल से धोकर शुद्ध रखना चाहिए।
  • रत्न यदि क्रैक हो जाए या रंग बदल जाए तो उसे तुरंत उतार देना चाहिए।

नीलम रत्न से जुड़े 3 प्रमुख हिंदी सर्च कीवर्ड्स

  1. नीलम रत्न के फायदे
  2. नीलम पहनने का सही तरीका
  3. शनि के लिए कौन सा रत्न शुभ है

निष्कर्ष:

नीलम (Blue Sapphire) एक रहस्यमयी और शक्तिशाली रत्न है जो जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन, समृद्धि और सफलता लाने में सक्षम है। यह उन लोगों के लिए वरदान समान होता है जिन्हें शनि की कृपा प्राप्त करनी हो। हालांकि यह एक तीव्र प्रभाव वाला रत्न है, इसलिए इसे धारण करने से पहले इसकी जाँच और ज्योतिषीय सलाह लेना अनिवार्य है। यदि यह व्यक्ति को अनुकूल हो, तो इसके प्रभाव से जीवन में ऐसा सकारात्मक परिवर्तन आता है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

 

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